बाबा के कारनामों से उठाया बिश्नोई गैंग के शूटर ने पर्दा, बोले- अच्छा इंसान नहीं था

मथुरा  उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में उत्तर प्रदेश और दिल्ली पुलिस ने मिलकर हाशिम गैंग के शूटर योगेश को गिरफ्तार किया था। मुठभेड़ में योगेश के पैर में गोली लगी थी। पुलिस ने तलाशी के दौरान योगेश के कब्जे से बिना नंबर की बाइक, एक पिस्टल, जिंदा कारतूस बरामद किए। योगेश को पुलिस ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मीडिया ने उससे बात की तो उसने बताया कि वह हाशिम गैंग का शार्प शूटर है और इस गैंग को लॉरेंस बिश्नोई ही ऑपरेट करता है। उसने पुलिस और मीडिया को यह भी बताया कि कैसे वह अपराध की दुनिया में आया? उसे बाबा सिद्दीकी के बारे में भी कई चौंकाने वाले खुलासे किए, लेकिन उसने 12 अक्टूबर को हुई बाबा सिद्दीकी की हत्या से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया है।

बाबा सिद्दीकी के बारे में यह सब बोला योगेश

योगेश ने मीडिया को बताया कि बाबा सिद्दीकी अच्छा इंसान नहीं था। इसलिए वह मारा गया। उसके ऊपर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगा हुआ था। उसके दाऊद इब्राहिम से भी कनेक्शन थे। जब लोग ऐसे बड़े लोगों से जुड़ जाते हैं तो कुछ न कुछ तो होता ही है। सिद्दीकी के साथ भी वहीं हुआ। जो कोई भी हमारे रास्ते में आएगा और कुछ गलत करेगा, उसे परिणाम भुगतने होंगे। अपराध करने से पहले रेकी किए जाने के सवाल पर योगेश ने कहा कि आजकल इंटरनेट पर हर किसी के बारे में हर तरह की जानकारी मिल जाती है। किसी को पैसे के लिए टारगेट नहीं किया जाता, सिर्फ भाईचारा निभाते हुए हम यह काम करते हैं।

 

क्राइम की दुनिया में कैसे हुई एंट्री?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, योगेश ने मीडिया के बताया कि पुलिस के कारण वह क्राइम की दुनिया में आया। वह गरीब परिवार है, लेकिन पुलिस वाले किसी के भी कहने पर उसके खिलाफ केस दर्ज कर देते थे। दबंगों से लड़ते-लड़ते वह इस दुनिया में आ गया। वह हाशिम बाबा गैंग का मेंबर है, जिसका ऑपरेटर लॉरेंस बिश्नोई है। उसका गैंग इतना बड़ा है कि कोई सोच भी नहीं सकता।

नादिर शाह मर्डर केस में गिरफ्तारी

बता दें कि दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में जिम मालिक नादिर शाह मर्डर केस में उसे दबोचा गया है। वह वारदात अंजाम देने के बाद फरार हो गया था और पुलिस से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। इस हत्याकांड के बारे में पूछने पर योगेश ने दावा किया कि उसका किसी से सीधा कॉन्टैक्ट नहीं हुआ था। दिल्ली में दोस्तों के जरिए उसे हायर किया गया था और काम सौंपा गया था।

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