सिखाई जा रही हैं आपदा प्रबंधन की बारीकियाँ

आपदा के समय सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थायें किस प्रकार राहत एवं बचाव कार्य में शासन-प्रशासन की मदद कर सकती हैं। साथ ही ये संस्थायें समाज को आपदा से बचाव के लिए जागृत करने में किस प्रकार कारगर भूमिका निभा सकती हैं। आपदा संबंधित ऐसी तमाम बारीकियाँ रोटरी क्लब, लॉयंस क्लब एवं जन अभियान परिषद से जुड़ीं संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सिखाई जा रहीं हैं।

इसके लिए मंगलवार से यहाँ जिला पंचायत के सभागार में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल एवं जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ मध्यप्रदेश के समन्वय से यह कार्यशाला आयोजित हो रही है। संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव कुमार केन एवं आपदा प्रबंध संस्थान भोपाल से पधारे संयुक्त संचालक डॉ. जॉर्ज व्ही.जोसेफ ने कार्यशाला का उदघाटन किया। कार्यशाला के पहले दिन जिले में कार्यरत स्वयंसेवी व सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लगभग 85 प्रतिभागियों ने सहभागिता की ।

संयुक्त संचालक डॉ. जोसेफ ने अपने प्रस्तुतीकरण में आपदा एवं आपदा के प्रकार, आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005,आपदा प्रबंधन नीति,2009, के साथ-साथ आपदा प्रबंधन चक्र एवं आपदा के पश्चात पढ़ने वाले मनोसामाजिक प्रभाव एवं उससे उबरने के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की

संयुक्त कलेक्टर श्री संजीव कुमार जैन ने कहा कि हमें प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ देनिक जीवन में आने वाली मानव निर्मित आपदा एवं दुर्घटनाओं से बचाव के लिए भी कार्य करना चाहिए । स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा ग्राम स्तर पर जन जागरूकता कर लोगों को जागरूक कर आपदा से होने वाली मृत्यु को कम किया जा सकता है। स्वयं सेवी संगठन जन जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करें । कार्यशाला में जिला समन्वयक जन अभियान परिषद् श्री धर्मेन्द्र दीक्षित ने भी विचार व्यक्त किए।

कार्यशाला के दूसरे दिन यानि 9 अक्टूबर को भूकंप आपदा प्रबंधन, समुदाय आधारित आपदा प्रबंधन, आगजनी प्रबंधन, सर्प दंस प्रबंधन,खोज एवं बचाव तकनीक एवं डेमोंसट्रेशनएवं आकाशीय बिजली प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जायेगी । कार्यक्रम के समापन में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये जायेगे ।

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