आगरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राहुल चाहर के पिता देशराज सिंह चाहर ने जगदीशपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। उनके साथ 26.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है। मुकदमे में नरसी विलेज के मालिक वासुदेव गर्ग, कर्मचारी अरुण गुप्ता व पियूष गोयल को नामजद किया गया है। आरोप है कि भूखंड पर मकान बनाकर देने के रुपये लिए थे, 12 साल में बैनामा नहीं किया गया।
राहुल चाहर के नाम ट्रांसफर कराने के लिए 2018 में आवेदन किया
वासुदेव गर्ग ने प्लाट नंबर 587 के लिए जमा कराए गए चार लाख के एवज में 6.80 लाख रुपये वर्ष 2017 में वापस कर दिए। उनसे कहा कि चिंता नहीं करें। प्लाट नंबर 182 पुराने रेट पर ही मिलेगा। उन्होंने प्लाट 182 अपने बेटे राहुल चाहर के नाम ट्रांसफर कराने के लिए वर्ष 2018 में आवेदन किया। कंपनी ने ट्रांसफर फीस 32 हजार रुपये जमा कराई। ट्रांसफर एग्रीमेंट कंपनी में जमा कराया गया था, जिसे आज तक कंपनी ने उन्हें नहीं सौंपा।
हत्या की मिली धमकी
राहुल चाहर के पिता का आरोप है कि वह पांच जून 2024 को आखिरी बार कंपनी के कर्मचारी अरुण गुप्ता व पीयूष गोयल से मिले। बैनामा करने को कहा। आरोपियों ने उन्हें गाली देते हुए हत्या की धमकी। उसके बाद वह किसी से नहीं मिले। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि तहरीर पर जांच कराई गई थी। मकान के लिए किए गए भुगतान के राहुल चाहर के पिता के पास प्रमाण हैं। उसी आधार पर मुकदमा लिखा गया है। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।