ग्वालियर में होने जा रहे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह है. यह मैच 6 अक्टूबर को ग्वालियर के नव निर्मित शंकरपुर स्टेडियम में होना है. पहले मैच के लिए भारत और बांग्लादेश की टीमें ग्वालियर पहुंच चुकी हैं. टीम इंडियाके कोच गौतम गंभीर भी आज ग्वालियर पहुंचे. इस बीच दोनों टीमों ने आज से प्रैक्टिस शुरू कर दी है. वहीं दूसरी ओर मैच को लेकर विवाद भी जारी है. हिंदूवादी संगठन बंगलादेश की टीम को बुलाने का जमकर विरोध कर रहे हैं.
बीसीसीआई ने भारत-बांग्लादेश दौरे का पहला टी 20 मैच ग्वालियर को दिया है. जब यहां मैच की तैयारियां शुरू हुईं, उसी बीच बांग्लादेश में सरकार का तख्तापलट हो गया और वहां अराजकता फैल गई. वहां हिन्दुओं के साथ अत्याचार के वीडियो वायरल होने के बाद यहां बांग्लादेश को लेकर जनाक्रोश उतपन्न हो गया. इसके बाद हिन्दू महासभा और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने मैच का विरोध शुरू कर दिया. हिन्दू महासभा और अन्य संगठन एक महीने से यहां धरना, प्रदर्शन, पुतला दहन जैसी गतिविधियों के जरिए विरोध जता चुके हैं. यहां तक कि पिच खोदने तक की धमकी तक दी जा चुकी है. इससे प्रशासन और पुलिस से लेकर गुप्तचर एजेंसियां भी सक्रिय हैं.
सिंधिया ने क्या कहा?
मैच होस्ट की हैसियत में सिंधिया परिवार है, लेकिन इनकी ओर से आंदोलनकारियों पर कोई टिप्पणी न की गई हैं वे पूरी तरह से इस मैच की तैयारियों में जुटे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2 अक्टूबर को ग्वालियर आए थे. उन्होंने तैयारियों का जायजा लिया. मैच आयोजन में मुख्य भूमिका निभा रहे उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया जो कि ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं, यहीं डेरा डाले हुए हैं. वे भी आंदोलनकारियों पर टिप्पणी करने से बचते नजर आए. महानआर्यमन सिंधिया ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा है कि ग्वालियर के लिए एक बड़ी सौगात है, क्योंकि 14 साल से यहां पर कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हुआ था. अब मैच होने जा रहा है. ग्वालियर के लोगों में भारी उत्साह है, जो अभी से देखा जा सकता है. मैच की तैयारियों में व्यस्त हूं और आयोजन सफल हो, इसके भरसक प्रयास कर रहा हूं.