केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए आम सहमति बनाने का आह्वान किया। पुणे इंटरनेशनल सेंटर के 14वें स्थापना दिवस पर आयोजित व्याख्यान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का सुझाव सुना है, मैं लंबे समय से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने की वकालत कर रहा हूं। मेरी वरिष्ठ सहयोगी वित्त मंत्री ने भी ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है।
उन्होंने आगे कहा कि अपनी ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए ईंधन की खोज और उत्पादन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में भारत दुनिया की कुल उर्जा खपत में 25 प्रतिशत का योगदान देगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल राज्यों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं। इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी राज्यों की सहमति की आवश्यकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि सभी राज्यों का इसमें शामिल होना मुश्किल है, क्योंकि शराब और ऊर्जा राज्यों में राजस्व में प्रमुख सोर्स हैं।
केरल हाईकोर्ट का किया जिक्र
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि केरल हाईकोर्ट ने जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर चर्चा करने का सुझाव दिया था, लेकिन केरल के वित्त मंत्री इससे सहमत नहीं हुए, क्योंकि गैर भाजपा शासित राज्य पेट्रोल डीजल पर लगने वाला अतिरिक्त वैट छोड़ने को तैयार नहीं हैं।