मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर इंदौर में रविवार देर शाम केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने प्रदेश पदाधिकारियों और इंदौर संभाग के संगठन नेताओं की बैठक ली। शाह ने इसके साथ ही चुनाव की रणनीति को लेकर भी चर्चा की। इंदौर में बैठक के दौरान अमित शाह साफ संकेत देकर गए हैं कि आगामी विधानसभा का चुनाव संगठन के नाम पर लड़ा जाएगा न कि किसी विधायक और सांसद के नाम पर। विजय नगर स्थित मेरियट होटल में शाह ने करीब 2 घंटे तक बैठक ली। बताया जा रहा है कि शाम करीब 7 बजे तक चली इस बैठक में चुनाव को लेकर भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।बीजेपी सूत्रों ने बताया कि बैठक में शाह ने 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार पर विस्तृत चर्चा हुई थी। इन सीटों को दोबारा कैसे जीता जाए इसके लिए एक रोड मैप तैयार किया जा रहा है। शाह ने बताया कि कैसे आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में कुल 47 सीटों में से 31 पर जीत हासिल की थी। इन सीटों को अपने पक्ष में कैसे लाया जाए इस पर काम करना है। लेकिन 2018 में हमसे चूक हाे गई थी। इस बार वह गलती नहीं दोहराना है। क्योंकि इस बार चूक हुई ताे सरकार चली जाएगी। यह मैं इसलिए कह रहा हूं कि मध्यप्रदेश की जीत बहुत जरूरी है। अगर हम एमपी जीत गए ताे समझो अगले 50 साल केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार रहेगी। बैठक में संभाग के सभी जिलाें के अध्यक्ष, महामंत्री व प्रदेश व राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद थे। 82 पदाधिकारियों काे बुलाया गया था, लेकिन बैठक में करीब 70 उपस्थित हुए। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद थे।
शाह ने जिलाध्यक्ष डॉ. राजेश सोनकर व नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि 10 अगस्त तक सभी कार्यकर्ता सम्मेलन पूरे हाे जाना चाहिए। इस बार सभी 230 विधानसभा सीटों पर 15 अगस्त से पहले चुनाव कार्यालय खुल जाना चाहिए। ताकि यह लगे कि भाजपा पूरी ताकत और सक्रियता के साथ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। शाह ने कहा कि मैं जिलाध्यक्षों से पूछूंगा कि सच में ऐसा हुआ है या नहीं।
इंदौर में गृहमंत्री शाह ने दिए जीत के मंत्र
